********
मिली है अगर जिंदगी तो मिसाल बनकर दिखाइये,
वर्ना इतिहास के पन्ने आजकल रिश्वत देकर भी छपते है !!
दर्द कहाँ मोहताज़ होता है लफ्जों का,
बस दो बूंद आँसूं चाहिए दर्द बयाँ करने के लिये !!
हम नादान हैं जो वफ़ा की तलाश करते हैं
ये भी नहीं सोचते की अपनी साँस भी एक दिन बेवफा ही बन जायेगी !!
********
ओवर-टाइम करवा कर छोड़ता है__”
तेरी यादों का दफ्तर इतवार को भी लगता है
********
चलो तुम रास्ते ख़ोजो बिछड़ने के,
हम माहौल पैदा करते है मिलने के !!
********
दूर उन्हें जाना था ये एहसास तो था लेकिन,
बिछड़ना इस कदर होगा ये ख्याल ना आया !!
********
तेरा मेरा रिश्ता भी कागज़ और कलम सा है ऐ जिंदगी,
जब भी मिलते है गैरों की बातें ही करते है !!
********
रिश्ते निभाना मुश्किल नहीं है साहब
बस थोड़ी सी वफ़ा ही तो चाहिए होती है!!
********
जेब का वजन बढ़ाते हुए अगर दिल पे वजन बढे,
तो समझ लेना की सौदा घाटे का ही है !!
********
नजरअंदाज करने से रिश्ता नहीं संभलता,
आ बैठ साथ में सारी उलझने सुलझा देते है
********
कैसी मुहब्बत हैं तेरी ??
महफ़िल मे मिले तो "अन्जान" कह दिया ॥
तनहा ज़ो मिले तो *"जान"कह दिया!!
********
अब ना मैं हूं, ना बाकी हैं जमाने मेरे,
फिर भी मशहूर हैं शहरों में फसाने मेरे।
********
हँसते हुए ज़ख्मों को भुलाने लगे हैं हम,
हर दर्द के निशान मिटाने लगे हैं हम,
अब और कोई ज़ुल्म सताएगा क्या भला,
ज़ुल्मों सितम को अब तो सताने लगे हैं हम।
********
********
मेरी हर ख्वाइश में सिर्फ तुम होते हो,
बस दर्द ये है कि सिर्फ ख्वाईशों में ही क्यों होते हो
********
कैसे कहूँ कि
इस दिल के लिए कितने खास हो तुम..!
फासले तो कदमों के हैं
पर, हर वक्त दिल के पास हो तुम..!
********
कीमत दोनों की चुकानी पड़ती है,
बोलने की भी और चुप रहने की भी.!!
********
********
बस दर्द ये है कि सिर्फ ख्वाईशों में ही क्यों होते हो
********
इस दिल के लिए कितने खास हो तुम..!
फासले तो कदमों के हैं
पर, हर वक्त दिल के पास हो तुम..!
********
बोलने की भी और चुप रहने की भी.!!
********
गम ने हसने न दिया, ज़माने ने रोने न दिया!
इस उलझन ने चैन से जीने न दिया!
थक के जब सितारों से पनाह ली!
नींद आई तो तेरी याद ने सोने न दिया!
********
कोई कहता है प्यार नशा बन जाता है!
कोई कहता है प्यार सज़ा बन जाता है!
पर प्यार करो अगर सच्चे दिल से,
तो वो प्यार ही जीने की वजह बन जाता है
No comments:
Post a Comment