साहित्य - सरोवर

Sunday, 23 December 2018

वो घडी भर को मेरे पहलू में सिमट जाये।


नूपुर श्रीवास्तव

Posted by Sahitya Sarovar at 22:00 No comments:
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Labels: Nupur Srivastava, Shayari, नूपुर श्रीवास्तव, शायरी
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साहित्य - सरोवर, नवोदित लेखकों / लेखिकाओं द्वारा प्रेषित कविताओं, कहानियों, शायरी रूपी बूंदों से निर्मित एक छोटा सा सरोवर है। इसमें नवोदित लेखक एवं लेखिकाओं की रचनाएँ सादर आमंत्रित हैं। रचनाएँ मौलिक होनी चाहिए, कहीं और छपी नहीं होनी चाहिए। आपके नाम के साथ इसको साहित्य सरोवर के पेज पर प्रकाशित किया जाएगा। फिलहाल कोई पारिश्रमिक देय नहीं है।

नियम और शर्तें –
* रचना मौलिक होने के साथ कहीं और प्रकाशित ना हो।
* लेखक अपनी रचना के साथ ये लिखकर जरूर भेजें – मेरा यह लेख मौलिक है और कहीं भी प्रकाशित नहीं हुआ है।
* रचना को समझने में आसान बनाने के लिए ग्राफिक्स का भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
* जैसे-जैसे रचना अप्रूव होंगे, उसका वेबसाइट पर प्रकाशन होगा।

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