साहित्य - सरोवर

Sunday, 23 December 2018

वो घडी भर को मेरे पहलू में सिमट जाये।


नूपुर श्रीवास्तव

Posted by Sahitya Sarovar at 22:00 No comments:
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Labels: Nupur Srivastava, Shayari, नूपुर श्रीवास्तव, शायरी
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* लेखक अपनी रचना के साथ ये लिखकर जरूर भेजें – मेरा यह लेख मौलिक है और कहीं भी प्रकाशित नहीं हुआ है।
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